THE DEFINITIVE GUIDE TO LYRICS SHIV CHALISA

The Definitive Guide to lyrics shiv chalisa

The Definitive Guide to lyrics shiv chalisa

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अर्थ- हे प्रभू आपने तुरंत तरकासुर को मारने के लिए षडानन (भगवान शिव व पार्वती के पुत्र कार्तिकेय) को भेजा। आपने ही जलंधर (श्रीमददेवी भागवत् पुराण के अनुसार भगवान शिव के तेज से ही जलंधर पैदा हुआ था) नामक असुर का संहार किया। आपके कल्याणकारी यश को पूरा संसार जानता है।

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

अर्थ- त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।

देवन जबहीं जाय पुकारा । तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥

साधु संत के तुम रखवारे।। असुर निकन्दन राम दुलारे।।

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये more info विहाला॥

अर्थ- आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।

Whosoever provides incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with appreciate and devotion, enjoys substance joy and spiritual bliss During this world and hereafter ascends on the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva eliminates the struggling of all and grants them eternal bliss.

जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥

कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥

शिव पंचाक्षर स्तोत्र

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

किसी भी वजह से मन में कोई भय हो तो शिव चालीसा का पाठ करे।

मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

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